कोलकाता में लेप्रोस्कोपिक तकनीक से पाएं हर्निया का सबसे अच्छा इलाज
लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया हर्निया का इलाज करने की सबसे अच्छी सर्जिकल विधि है, क्योंकि- इसमें कम समय लगता है, ब्लड लॉस न के बराबर होता है, रोगी उसी दिन घर जा सकता है। अपने शहर के सर्वश्रेष्ठ हर्निया चिकित्सकों से परामर्श करने के लिए अभी अपॉइंटमेंट बुक करें।
हर्निया क्या है?
हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक आंतरिक अंग कमजोर मांसपेशियों में छेद के माध्यम से बाहर निकल जाता है। हर्निया शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है लेकिन अधिकाँश पेट के क्षेत्र में (रिब केज और ऊसन्धि के बीच) होता है।
कारण
- क्रोनिक खांसी
- क्रोनिक कब्ज
- भारी चीजें उठाना
- अधिक वजन या मोटापा
- प्रेगनेंसी
- जन्मजात
लक्षण
- प्रभावित क्षेत्र में सूजन या उभार
- प्रभावित क्षेत्र में दर्द
- समय के साथ उभार बढ़ना
- झुकने, खांसते या वजन उठाते समय दर्द बढ़ना
- पेशाब या मल त्याग के दौरान दर्द बढ़ना
निदान
आमतौर पर हर्निया का निदान करने के लिए एक शारीरिक परीक्षण की आवश्यकता होती है। डॉक्टर प्रभावित क्षेत्र में उभार की जांच करता है और इस दौरान रोगी को खड़ा होने या खांसने के लिए कह सकता है। कुछ मामलों में शारीरिक परीक्षण के बाद निम्न टेस्ट किए जा सकते हैं:
- एब्डोमिनल अल्ट्रासाउंड
- सीटी स्कैन
- एमआरआई (MRI)
सर्जरी की प्रक्रिया
सर्जरी ही हर्निया का सबसे अच्छा इलाज है। इसकी दो सर्जिकल प्रक्रियाएं काफी प्रचलित हैं, वे हैं:
- ओपन सर्जरी – इस प्रक्रिया में लोकल या जनरल एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है। यह हर्निया के इलाज का एक पारंपरिक तरीका है जिसमें सर्जन एक लंबा चीरा लगाता है और उभरे हुए अंग को उसके सही पोजीशन में धकेल देता है। कमजोर मांसपेशी को सहारा देने के लिए एक सिंथेटिक जाल का उपयोग किया जा सकता है।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी – इस प्रक्रिया में रोगी को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है और फिर पेट में कुछ छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इसके बाद लेप्रोस्कोप उपकरण को पेट में डाला जाता है और हर्निया की मरम्मत की जाती है।
हर्निया की सर्जरी से पहले की तैयारी
- सर्जरी से पहले ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, चेस्ट एक्स-रे और इलेक्ट्रो कार्डियोग्राम टेस्ट किया जा सकता है।
- सर्जरी के एक सप्ताह पहले से धूम्रपान या शराब का सेवन बंद कर दें।
- एस्पिरिन या ऐसी एंटी-इन्फ्लामेट्री दवाइयों का सेवन करने से बचें जो रक्तस्त्राव के खतरे को बढ़ा देती हैं।
- हर्निया की सर्जरी के एक रात पहले स्नान करने की सलाह दी जाती है।
- सर्जरी के कुछ घंटा पहले से कुछ भी खाने या पीने से मना कर दिया जाता है। यदि आप कोई नियमित दवा लेते हैं, और उसे जारी रखने के लिए कहा गया है, तो आप डॉक्टर से पूछकर ले सकते हैं।
हर्निया की सर्जरी के बाद रिकवरी
हर्निया के प्रकार और आकार के आधार पर, सर्जरी में 30 से 90 मिनट तक का समय लग सकता है। इसके बाद दो घंटा तक रोगी को रिकवरी रूम में रखा जाता है और कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं। इसके बाद रोगी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
सर्जरी के बाद के 24 घंटे रोगी को बिस्तर में बिताना चाहिए। लगभग 24 घंटा बाद एनेस्थीसिया का प्रभाव खत्म हो जाता है और रोगी चल-फिर सकता है।
सर्जरी के लगभग 3-4 दिन बाद से रोगी काम पर जा सकता है। इस दौरान किसी भी भारी वस्तु को नहीं उठाना चाहिए। दो सप्ताह बाद, डॉक्टर की अनुमति से 15 पाउंड तक का वजन उठा सकते हैं।
लगभग 4 सप्ताह बाद रोगी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। अब रोगी एक्सरसाइज करना, वजन उठाना, सेक्स, इत्यादि गतिविधियों को करने में सक्षम हो जाता है।
कोलकाता में हर्निया का सबसे अच्छा इलाज कराने के लिए आप हमें संपर्क कर सकते हैं। हमारे अनुभवी डॉक्टर कई वर्षों से हर्निया की सफल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करते आ रहे हैं। इलाज के साथ हम कई तरह की सुविधाएं भी देते हैं। जैसे इंश्योरेंस अप्रूवल में मदद, नो-कॉस्ट इएमआई के जरिए भुगतान, घर से हॉस्पिटल आने और वापस जाने के लिए फ्री कैब इत्यादि।
अब हर्निया के आकार और गंभीरता को बढ़ने न दें। बस एक फोन करें और कोलकाता में हर्निया का सबस बेहतर इलाज करवाएं।
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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न:
क्या हर्निया का इलाज बिना सर्जरी के संभव है?
आमतौर पर हर्निया बिना सर्जरी के ठीक नहीं होता है। नॉन-सर्जिकल उपचार हर्निया पर हल्का दबाव बनाते हैं ताकि अंग अपनी जगह पर रहे। यह लंबे समय के लिए कारगर नहीं है, और पर तब किए जाते हैं जब व्यक्ति हर्निया की सर्जरी के लिए तैयार नहीं होता है।
हर्निया का इलाज के लिए कौन सी प्रक्रिया सबसे अच्छी है?
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ओपन सर्जरी की तुलना में अधिक फायदेमंद है। इस प्रक्रिया में कम ब्लड लॉस, कम जटिलताएं और कम दर्द होता है। रिकवरी भी तेज होती है।
कोलकाता में हर्निया के इलाज में कितना खर्च आता है?
कोलकाता में हर्निया के इलाज का खर्च प्रत्येक रोगी के लिए अलग हो सकता है। यह हर्निया के प्रकार, गंभीरता, एनेस्थीसिया, प्रक्रिया के दौरान उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण, आदि पर निर्भर करता है।
क्या हर्निया की सर्जरी के दौरान दर्द होता है?
हर्निया का उपचार एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है जो प्रक्रिया को दर्द रहित बनाता है। सर्जरी के बाद प्रभावित क्षेत्र में हल्का दर्द और सूजन हो सकता है, जो कुछ दिनों बाद दूर हो जाता है।
यदि आप हर्निया का लेप्रोस्कोपिक इलाज करवाते हैं तो पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द कम रहता है।
हर्निया की किस सर्जिकल प्रक्रिया का सक्सेस रेट सबसे ज्यादा है?
हर्निया की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का सक्सेस रेट अन्य प्रक्रियाओं की तुलना में बेहतर है। एक शोध के अनुसार, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद हर्निया के दोबारा होने की संभावना लगभग 11% तक रह जाती है।
कोलकाता में हर्निया का सबसे अच्छा डॉक्टर कौन है?
हमारे अनुभवी जनरल/गैस्ट्रो सर्जन कोलकाता में हर्निया का सबसे अच्छा इलाज प्रदान करते हैं। स्थिति का निदान करने के बाद सबसे उपयोगी तकनीक का चुनाव किया जाता है।
हर्निया की सर्जरी के बाद मैं किस तरह के व्यायाम कर सकता हूँ?
शुरूआती कुछ दिनों में आपको ऐसी किसी भी गतिविशी में शामिल नहीं होना चाहिए जिससे घाव पर दबाव पड़े। रिकवरी पीरियड के 6 सप्ताह बाद आप डॉक्टर की अनुमति से कार्डियो एक्सरसाइज कर सकते हैं।
क्या हर्निया का इलाज के बाद खानपान में बदलाव जरूरी है?
रिकवरी के शुरूआती दिनों में आपको भरपूर तरल पदार्थ लेना चाहिए। यह तेज रिकवरी प्रदान करने में मददगार है और जटिलताओं का खतरा कम करता है।
कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ को अपने डाइट में शामिल करें। मसालों का अधिक सेवन करने से बचें।
क्या कोलकाता में हर्निया का इलाज मेडिकल इंश्योरेंस के तहत होता है?
यदि आपके बीमा योजना में हर्निया का इलाज शामिल है तो आपको इंश्योरेंस का फायदा मिल सकता है। कोलकाता में हम हर्निया का इलाज मेडिकल इंश्योरेंस के तहत करते हैं। अधिक जानने के लिए आप हमें कॉल कर सकते हैं।